कुछ आकांक्षाएं ,कुछ प्रयत्न ,कुछ जिज्ञासाएं..........मेरे प्रिय नन्हे साथियों के लिए ....जिनकी छोटी सी दुनिया में प्रेम है .....सपने है ........
सुन्दर..... बचपन में खूब रटाते थे गुरूजी, इस कविता को... आपने वो दिन भी याद दिलाये.. आभार.
जी ,ब्लॉग में आए धन्यवाद्
सुन्दर..... बचपन में खूब रटाते थे गुरूजी, इस कविता को... आपने वो दिन भी याद दिलाये.. आभार.
ReplyDeleteजी ,ब्लॉग में आए धन्यवाद्
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